लिवर एवम पित्त की थैली ( गाल ब्लैडर ) को साफ करने की प्रक्रिया के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
इसको पढ़े बिना लिवर क्लींज मत कीजिए।
क्या आपको लिवर क्लींज करना चाहिए?
हमने वीडियो के माध्यम से लीवर संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी आप तक पहुँचाने की कोशिश की है। आजतक लाखों लोगों ने इसका प्रयोग किया है और उनको फायदा हुआ है। इस विधि को अपना कर ऑपरेशन से बचा जा सकता है। जो भी हमें इस संबंध में पता है वह आपको वीडियो और लिखित रूप में भेज रहे हैं। इसके अलावा हमारे पास बताने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है।
यह शरीर और इसका हर अंग, इस दुनिया में आपके लिए बेशकीमती है। किसी डॉक्टर या किसी दूसरे इंसान को पैसे देकर अपने शरीर के अंग कटवाना उचित नहीं है। अगर पथरी बनी है तो गल भी सकती है, टूट भी सकती है। मेडिकल साइंस में दवाई और काट पीट के आलावा कोई उपचार नहीं है। शरीर को अगर उचित माहौल दिया जाए तो वो पूरी तरह से ठीक होने की क्षमता रखता है।
कुछ लोग यूट्यूब पर आधी अधूरी जानकारी वाली वीडियो देखकर या डॉक्टर की सलाह के कारण इस प्रक्रिया पर विश्वास करने में संकोच करते हैं। उनकी ज़िम्मेदारी बनती है कि वह अच्छी तरह से जांच पड़ताल करके ही इस विधि को अपनाएं। इस संबंध में पहले पूरी छान बीन कर लें।जब आपको पूरी तरह तसल्ली हो जाये तभी इसे अपनायें। हम आपको ना कोई गारंटी दे रहे हैं और ना ही आपका इलाज करने का दावा करते हैं। अगर आप पूर्णतया संतुष्ट हों तभी इस प्रक्रिया को करें, अन्यथा बिल्कुल ना करें।
बीमारी के और दर्द के अनेकों कारण हैं। अगर आपको किसी तरह का डर, शंका, भय या शक है तो आप इसे बिल्कुल भी ना करें। अपने सेहत की जिम्मेदारी खुद लें और अपने डॉक्टर खुद बनें।
आपको यह समझना बहुत जरूरी है कि आपकी ये समस्या की जड़ पित्त की थैली नहीं बल्कि लीवर है। पित्त की थैली में कचरा लिवर से आता है. जब तक लीवर का कचरा साफ नहीं हो जाता तब तक आपकी पित्त की थैली में पथरी की समस्या बनी रहेगी। जब लीवर साफ हो जाएगा तो गाल ब्लैडर भी साफ हो जाएगा। लिवर पूरी तरह साफ होने के लिए आपको क्लींजिंग 10 या 15 बार या ज्यादा बार भी करनी पड़ सकती है। इतने सालों की इकट्ठा की हुई गंदगी साफ करने में समय लग सकता है l जैसे आप अपने कार या स्कूटर की सर्विसिंग एवम् सफ़ाई हर ३ से ६ महीने में करवाते हैं, इसी तरह हर इंसान को अपने शरीर की सर्विसिंग करनी चाहिए ताकि बीमारियों से बचा जा सके।
लिवर क्या करता है।
लिवर और किडनी हमारे शरीर के दो फ़िल्टर हैं। लिवर के 500 से ज़्यादा कार्य हैं। खून साफ़ करना, टॉक्सिंज़ को बाहर निकालना, एनर्जी देना, हॉर्मोन बनाना, बाइल बनाना, खाना पचाना, कोलेस्ट्रॉल बनाना, तापमान नियंत्रित करना इत्यादि। जब ग़लत खान पान के कारण लिवर में ज़रूरत से ज़्यादा विषैले पदार्थ जमा हो जाते हैं, तो लिवर के कार्य करने की क्षमता कम हो जाती है। लिवर में पैदा हुई यह गंदगी/कंकड़/पथरी खिसकर लगातार पित्त की थैली में इकट्ठी होती रहती है। इसी को स्टोन इत्यादि कहते हैं। यह रुकावट तरह तरह की बीमारियों को जन्म देती है और दर्द का कारण भी बनती है।
पित्त की थैली क्या है?
पित्त की थैली को गाल ब्लैडर भी कहते हैं। यह एक नाशपाती की तरह ४ इंच लंबी और २ इंच चौड़ी थैली है जिसका काम लिवर के बनाए हुए बाइल को इकट्ठा करना और गाड़ा बनाना है। इसकी बाइल इकट्ठा करने की क्षमता लगभग ३० मिली से ५० मिली है। जब भी आप फैट वाला या भारी खाना खाते हैं तो उसको पचाने के लिए गॉल ब्लैडर पिचकारी की तरह उस खाने पर स्प्रे मारता है ताकि वह पच सके। पथरी के कारण बाइल की मात्रा कम होजती है और पेट की समस्याएँ बढ़ जाती हैं।इसी बाइल के ज़रिए लिवर का कोलेस्ट्रॉल भी परिचालित होता है।
डॉक्टर ने बोला है क़ि पित्त की थैली में पथरी है और थैली का ऑपरेशन के अलावा कोई इलाज नहीं है ।
अगर शरीर कोई पथरी, गाँठ इत्यादि बनाता है तो उसको खतम करने, गलाने या शरीर से बाहर निकालने की शमता भी रखता है। आपको शरीर को सिर्फ़ उचित माहौल देना है बाक़ी शरीर पथरी को गलाने/ निकालने का काम अपने आप करेगा। जो लोग अपने लिवर और गाल ब्लैडर को लिवर क्लेंज़ द्वारा साफ़ करते हैं उन्हें ऑपरेशन कराने की ज़रूरत नहीं पड़ती।
आपको गॉल ब्लैडर का ऑपरेशन क्यों नहीं करवाना चाहिए?
क्योंकि समस्या लिवर की है इसलिए लिवर के उपचार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। गॉल ब्लैडर का एक महत्वपूर्ण कार्य है लिवर के बनाए हुए तरल पदार्थ यानी बाइल को इकट्ठा करना और उसे गाड़ा बनाना। इस गाड़े बाइल के बिना, घी और तेल से बनी चीजें हम नहीं पचा पाते जिसके कारण हमारे शरीर में विटामिन ए, डी, ई, के, ओमेग़ा ३ और ओमेग़ा ६ की कमी होने लगती है। इसके फलस्वरूप शरीर में विभिन्न प्रकार के रोग अपनी जगह बना लेते हैं।
अगर आपके पेट में दर्द उठता है और डॉक्टर आपको यह बताते हैं कि यह दर्द पथरी के कारण है तो आपको निम्नलिखित बातें समझना ज़रूरी है
1. हो सकता है आपके पित्त की थैली में पथरी हो लेकिंन यह ज़रूरी नहीं है की हर पेट का दर्द पथरी के कारण ही हो।
2. पेट में किसी भी प्रकार का दर्द यह संकेत देता है ( चाहे पथरी का हो) कि आपका खान पान ठीक नहीं है एवम् आपका पाचन तंत्र काफ़ी कमजोर है।
3. ऐसे में ऑपरेशन करवाने से आपकी समस्या या तो ज्यों की त्यों बनी रहेगी या फिर और बिगड़ सकती है। पहले अपना पाचन तंत्र मज़बूत करें।
4. ऐसी स्तिथि में ऑपरेशन कराना उचित नहीं होगा। अगर आपको आपके डॉक्टर, परिवार वाले या शुभचिंतक ऑपरेशन के लिए मजबूर कर रहे हैं तो आप अच्छी तरह से जाँच पड़ताल करके बाद ही फ़ैसला लें क्योंकि शरीर आपका है। जिन लोगों ने अपनी पित्त की थैली निकलवा रखी है उनसे परामर्श लें और जानकारी लें कि क्या उनका पाचन तंत्र पहले से कमजोर है या मज़बूत और क्या उनकी समस्या का पूरी तरह से समाधान हो गया है।उपरवाले ने यह अंग बिना कारण हमारे शरीर में नहीं डाला।
जब आप गॉल ब्लैडर का ऑपरेशन करवा लेते हैं तो आपके लिवर को छोटी आँत से नली द्वारा सीधा जोड़ दिया जाता है। लिवर द्वारा बनाया हुआ बाइल बूँद बूँद करके लगातार २४ घंटे बहता रहता है, चाहे आपको इसकी ज़रूरत हो चाहे ना हो। क्योंकि यह गाड़ा नहीं है और इसकी मात्रा भी कम है इसलिए यह फ़ैटी खाने को पूरी तरह से पचा नहीं पाता जिसके कारण स्वस्थ सम्बन्धी विभिन्न समस्याएँ जैसे असिडिटी, अपचन, गैस, फुलावट, जोड़ों में दर्द इत्यादि उत्पन्न होती हैं।
याद रहे कि यही समस्याएँ पथरी के कारण भी हो सकती हैं, जब पथरी वाले गॉल ब्लैडर से बाइल के निकलने में रुकावट होती है और बाइल पूरी मात्रा में मिल नहीं पाता। लगातार लिवर क्लेंज़ करने से आप अपने लिवर और गोल ब्लैडर में हो रही रुकावट को दूर कर पाएँगे और अपने शरीर के एक क़ीमती अंग को ऑपरेशन से बचा पायेंगे।
अगर अचानक पथरी का दर्द होजाए तो एक बड़ा चम्मच एप्सम सॉल्ट एक गिलास पानी में घोलकर पी लें। ये आपकी पित्त की नली को लचकीला बनाएगा और आपको आराम मिलेगा। लेकिन यह पीने से पहले यह सुनिस्चित कर लें की यह पथरी का दर्द ही है क्योंकि दर्द की अनेकों कारण होते हैं। पित्त की थैली में पथरी का दर्द हमेशा दहिनी तरफ़, पसली के नीचे होता है। अगर उसमे से पथरी निकलकर सीबीडी में आ जाती है तो उसका दर्द थोड़ा बायीं तरफ़ होगा। इसके अलावा अगर आप कैस्टर आयल पैक ( अरंडी का तेल) अपने लिवर और गल ब्लैडर पर लगाएँगे तो दर्द से राहत मिलेगी।कैस्टर आयल पैक को लगाने की विधि जानने के लिए आप यू ट्यूब वीडियो देख सकते हैं।
डॉक्टर का कहना है कि पथरियाँ गालब्लैडर में होती हैं लिवर में नहीं।
जैसा कि हम बार बार कहते है, पथरियाँ लिवर में बनती हैं। इस बात के प्रमाण के लिए आपको गूगल की मदद लेनी होगी। आप "Hepatolithiasis" या "Intrahepatic stones" गूगल पर सर्च कीजिये। आपको सारी जानकारी मिल जाएगी। जब आप अल्ट्रासाउंड करवाते हैं और गॉलब्लैडर में पथरियाँ पायी जाती हैं तो डॉक्टर गालब्लैडर का ऑपरेशन कराने की सलाह देते हैं। कोई भी डॉक्टर hepatolithiasis के टेस्ट या MRCP करवाने की सलाह नहीं देता। यह टेस्ट उन्हीं लोगों के करवाये जाते हैं जिनके लिवर की हालत आगे चलकर बहुत ख़राब हो जाती है। अगर समय रहते हमें सही सलाह मिल जाये तो लिवर संभंधित कई बीमारियों से बचा जा सकता है और गॉलब्लैडर को भी बचाया जा सकता है। अगर आपके गलब्लैडर में समस्या है तो यह एक बहुत बड़ा संकेत है कि आपका लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा। आपको जितनी जल्दी यह बात समझ में आ जाए उतना ही यह आपकी सेहत के लिए अच्छा है।
लिवर और पित्त की थैली की सफ़ाई की प्रक्रिया में कितना खर्चा आता है ?
एक बार सफ़ाई करने में इसमें लगभग 400 से 500 रूपेय का खर्चा आता है।
क्या लीवर क्लींजिंग हर बीमारी का इलाज है?
ज्यादातर बीमारियां हमारे गलत खानपान एवम दिनचर्या के कारण होती हैं। लीवर क्लींज से पथरी संबंधित समस्या से छुटकारा, और लिवर की सफाई में मदद मिलती है। इसके फलस्वरूप खून साफ होने लगता है, पाचन तंत्र मजबूत होता है और लिवर की कार्य करने की क्षमता कई गुना बढ़ जाती है।
लीवर क्लींज हर बीमारी का इलाज नही है। अगर आप अपने खान पान एवम दिनचर्या में परिवर्तन नहीं करते तो आपकी बीमारी का इलाज होना असम्भव है।
पथरी के अलावा अगर आप किसी और बीमारी से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आप को सलाह दी जाती है कि आप लीवर क्लीन के साथ साथ, अपने आस पास किसी अच्छे आयुर्वेदिक डॉक्टर या प्राकृतिक चिकित्सक से परामर्श लें। एलोपैथी में बीमारी का इलाज नही होता सिर्फ ट्रीटमेंट होता है, और आपको जीवन भर दवाई खानी पड़ती है।
यह प्रक्रिया हमारे क्लिनिक में नही करवाई जाती है। ना इसके लिए हम कोई पैसा लेते हैं और ना कोई सामान बेचते हैं। आपको इसका सामान किसी डिपार्टमेंटल स्टोर, केमिस्ट या अमेजोन (Amazon) पर आसानी से मिल जायेगा। सामान की जांच कैसे करनी है और कौनसा लेना है, यह भी नीचे बताया जा रहा है। कृपया बिना उसे देखे सवाल ना करें।
हमारे लिए अपनी निगरानी में इसे करवाना संभव नहीं है। आपको यह अपने ही घर पर करना है अपने आप। अगर आपको अपने परिवार के सदस्य, बहन, भाई, मां, बाप, बच्चे की पथरी को लेकर चिंता है तो हमारी आपसे सलाह है कि आप इस प्रक्रिया को पहले खुद कीजिए फिर उनको करवाइए। यह उचित होगा। स्वस्थ व्यक्तियों को भी यह प्रक्रिया करनी चाहिए जिन्हें कोई समस्या नही है। उनको भी चमत्कारी लाभ होगा।
इस प्रक्रिया को आपको अपने घर पर ही करना है क्योंकि इसे करना बेहद आसान है। 10 साल का बच्चा हो या 90 साल का बजुर्ग, सब इसको आसानी से कर सकते हैं।
इसके बावजूद भी अगर आप यह प्रक्रिया करने में संकोच करते हैं, या आपको डर्र लगता है, तो आप डॉक्टर पीयूष सक्सेना जी की टीम से सम्पर्क कर सकते हैं। उनकी टीम के द्वारा अक्सर मुंबई और नोएडा / ग़ाज़ियाबाद में कैम्प लगाए जाते हैं। आप उनकी फ़ीस देकर वहाँ जाकर उनकी निगरानी में यह प्रक्रिया कर सकते हैं। हम आपकी जानकारी के लिए फ़ोन नम्बर आपको दे रहे हैं। आप whatsapp मेसिज भेजकर उनसे सम्पर्क कर सकते हैं।
फ़ातिमा ( मुंबई ) 9768078628
यशपाल गुप्ता ( ग़ाज़ियाबाद ) 8800695356 / 8595659995
अगर आप किसी और बीमारी जैसे पेट की बीमारियाँ, ह्रदय रोग, बीपी, शुगर, त्वचा रोग, सिस्ट, फाइब्रॉयड, मोटापा इत्यादि के लिए परामर्श लेना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट के माध्यम से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। ऑनलाइन ( टेलीफोन पर कंसल्टेशन ) या ऑफलाइन (हमारे क्लीनिक आकर) भी मिल सकते हैं। हमारा क्लिनिक द्वारका एक्सप्रेसवे सेक्टर 109, गुरुग्राम में स्थित है। क्लीनिक का ऐड्रेस वेबसाईट पर दिया हुआ है।
बिना अपॉइंटमेंट मिलना संभव नहीं है एवम आपसे आग्रह है कि बिना अपॉइंटमेंट आप सीधे हमारे क्लिनिक ना आएं। डॉक्टर बग्गा क्लिनिक में हमेशा उपलब्ध नहीं होते, और सिर्फ अपॉइंटमेंट से ही पेशंट देखते हैं।
हम किसी भी कंपनी के प्रोडक्ट्स को कमीशन लेकर उनके व्यापार को बढ़ावा नहीं देते।
क्लींजिंग में इस्तेमाल होने वाला सामान आपको आसानी से मिल जाएगा।
हमारे लिए पार्सल या कोरीअर करना सम्भव नहीं है।
इसके लिए आपको थोड़ा परिश्रम करना होगा।
इस्तेमाल होने वाले सामान की पहचान करने की पूरी जानकारी हम आपको दे रहे हैं।
मैग्नीशियम साल्ट के बारे में जानकारी
इस नमक को एप्सम साल्ट / मैग्नीशियम सल्फेट/ MgSO4 के नाम से जाना जाता है है।
यह सेंधा नमक नहीं है। यह खाने वाला नमक भी नही है। बिल्कुल अलग है। इसके खाने से बीपी ऊपर नहीं जाता बल्कि इसके खाने से शरीर रिलैक्स होता है और बीपी थोड़ा कम हो सकता है लेकिन यह चिंता का विषय नहीं है। लो बीपी वाले भी इसको ले सकते हैं। अगर आप हाई बीपी की दवाई लेते हैं तो जिस दिन यह प्रक्रिया करें उस दिन बीपी की गोली नहीं खानी है। ज़रूरी नहीं कि हर इंसान का बीपी 120/80 हो। कई लोगों का नार्मल बीपी लगभग 150/90 या 100/60 या इससे कम हो सकता है। जिन लोगों का बीपी लो रहता है और अगर उनको कोई परेशानी नहीं है, जैसे चक्कर आना या घबराहट होना तो वह लोग बेहिचक एप्सम साल्ट ले सकते हैं। अगर प्रक्रिया के दौरान बीपी कम होजाए और चक्कर जैसी समस्या महसूस करें तो एक गिलास जूस पी सकते हैं जैसे संतरा, मौसमी इत्यादि का।
एप्सम सॉल्ट कहाँ मिलेगा?
यह सफेद रंग का दानेदार साल्ट है जिसका स्वाद कुछ कड़वा होता है। यह आपको दवाई की दुकान/केमिस्ट पर या ऑनलाइन एमेजॉन (Amazon) पर आसानी से मिल जायेगा। किसी भी कंपनी का ले सकते हैं। पैकेट पर मैग्नीशियम सल्फेट/ magnesium sulphate, epsom salt या MgSO4 लिखा होना चाहिए। चाहे वो पौधों के लिए हो या जानवरों के लिए, इंटरनल या एक्सटर्नल या लैक्सेटिव या कुछ और भी लिखा हो। कोई दिक्कत नही है। यह एक लैक्सेटिव है जिसके कारण शरीर ढीला और लचकीला होगा। यह अक्सर क़ब्ज़ दूर करने के लिए लिया जाता है। बस इतना ध्यान रखें कि उसमे कोई रंग या कोई सुगंध की मिलावट नहीं होनी चाहिए।
ऑलिव ऑयल / ज़ैतून का तेल के बारे में जानकारी
कोल्ड प्रेस / कोल्ड एक्सट्रैक्शन एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून का तेल/ ऑलिव ऑयल l ऑलिव ऑयल को जैतून का तेल भी बोलते हैं।
सिर्फ़ कोल्ड प्रेस एक्स्ट्रा वर्जिन जैतून के तेल का इस्तेमाल करें। इसके अलावा किसी और तेल का इस प्रक्रिया में प्रयोग करना उचित नहीं है।
ऑलिव ऑयल कहाँ से ख़रीदना चाहिए?
यह तेल किसी बड़े खाने पीने का सामान रखने वाले सुपरमार्केट या डिपार्टमेंटल स्टोर पर उपलब्ध होगा। आप इसे इंटरनेट द्वारा ऑनलाइन एमेजॉन (Amazon) से भी आसानी से मंगवा सकते हैं। मिलावटी तेल से बचे। रिपैक किया तेल या पुराना मिलावटी तेल इस्तेमाल करने से गले में जलन या खांसी, एसिडिटी या पेट में जलन आदि हो सकती है। सावधानी बरतें और पुराना खराब तेल ना लें। बोरजिस (BORGES) या बरटोली (BERTOLI) या फिगारो (FIGARO) या डेल मोंटे (DEL MONTE) में से किसी भी कंपनी का तेल ले सकते हैं। इनका तेल ख़रीदते वक्त ऊपर बतायी बातों का ध्यान ज़रूर रखें। इसके अलावा भी आप किसी भी कम्पनी का तेल ले सकते हैं। सिर्फ़ इतना ध्यान रखें कि तेल की बोतल पर कोल्ड प्रेस या कोल्ड एक्सट्रेक्टशेन एवम एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल लिखा होना चाहिए। कोल्ड प्रेसड की जगह मकैनिकल एक्सट्रैक्शन भी लिखा हो सकता है। यह भी ठीक है। अगर उसपर रिपैक (repackaged) लिखा हो तो उसे इस्तेमाल ना करें। पॉमेस आयल का प्रयोग ना करें।
लिवर एवम् पित्त की थैली से पथरी एवम् कचरा निकालने का तरीक़ा
पहला दिन
नाश्ता
सुबह किसी भी समय – सिर्फ़ ताजे फल या/और ताजे फलों का रस ले सकते हैं। (ना चाये ना पराँठा ना रोटी)। डिब्बे का जूस नहीं लेना है।
दोपहर का भोजन - दोपहर 1 बजे
विकल्प 1; उबले हुए बासमती चावल बिना किसी तेल या मसाले के, उबली हुई सब्जियों के साथ। कोई भी सब्ज़ी।
या फिर
विकल्प 2; बिना किसी तेल या मसाले के सब्ज़ियों का ताज़ा सूप। तेल की एक बूंद भी नहीं लेनी चाहिए। (नमक का उपयोग कर सकते हैं)
पहली खुराक - शाम 6 बजे
एक गिलास पानी (200 मिलीलीटर) में 1 बड़ा चमचा (लगभग 20 ग्राम) एप्सम सॉल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) घोलकर पी लीजिए। (अगर आपका वजन १०० किलो से ज्यादा है तो ३० ग्राम भी ले सकते हैं)
दूसरी खुराक - 8 बजे
एक गिलास पानी (200 मिलीलीटर) में 1 बड़ा चमचा (लगभग 20 ग्राम) एप्सम सॉल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) घोलकर पी लीजिए। इसके बाद किसी भी समय आपको दस्त लग जाएँगे और आपको २- ४ बार टॉयलेट जाना पड़ सकता है। इससे आपका पेट पूरी तरह साफ़ हो जाएगा। अगर आपको कबज की समस्या रहती है या एप्सम साल्ट की दूसरी डोस पीने के एक, ढेढ़ घंटे बाद भी पेट साफ़ नहीं होता तो आप एप्सम साल्ट की एक और डोस ले सकते हैं। यह सुनिश्चित करने के बाद कि आपको अब और टॉयलेट नहीं जाना है आप ओलिव आयल की तीसरी खुराक ले सकते हैं। अगर आपका वजन १०० किलो से ज़्यादा है तो आप ३० ग्राम तक एप्सम साल्ट की प्रत्येक डोस ले सकते हैं।
तीसरी खुराक - 10 बजे
एक शेकर या बोतल में 175 मिलीलीटर एक्स्ट्रा वर्जिन कोल्ड प्रेस्ड ऑलिव ऑयल और 175 मिलीलीटर किसी भी खट्टे फलों का रस ( संतरा, मौसमी, पाइनैपल, माल्टा, गलगल) डालें और अच्छी तरह हिलाकर मिला लें। इसे पीएं और तुरंत लेट जाएं!
* ध्यान दें: 2 तकिए का उपयोग करके अपने सिर को थोड़ा ऊँचा ही रखें। अपनी दाईं ओर लेट जाएं और सोने की कोशिश करें। यदि आप दाईं ओर सोने में असमर्थ हैं, तो आप अपनी पीठ के बल सोने की कोशिश कर सकते हैं लेकिन अपनी बाईं ओर सोने से बचें।
दिनभर में आप पानी जितना चाहे, पी सकते हैं।
दूसरे दिन
चौथी खुराक - सुबह 6 बजे
एक गिलास पानी (200 मिलीलीटर) में 1 बड़ा चमचा (लगभग 20 ग्राम) एप्सम सॉल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) पीकर वापस लेट जाना है। अपनी दाईं ओर लेटने की कोशिश करें और सोने की कोशिश करें।
पाँचवी खुराक - सुबह 8 बजे
एक शेकर या बोतल में 75 मिलीलीटर एक्स्ट्रा वर्जिन कोल्ड प्रेस्ड ऑलिव ऑयल और 75 मिलीलीटर किसी भी खट्टे फल का रस डालें और अच्छी तरह मिलाएं और पीजाएँ। अपनी दाईं ओर लेटने की कोशिश करें और सोने की कोशिश करें।
छठी खुराक - सुबह 10 बजे
एक गिलास पानी (200 मिलीलीटर) में 1 बड़ा चमचा (लगभग 20 ग्राम) एप्सम सॉल्ट (मैग्नीशियम सल्फेट) घोलकर पी लें।
सुबह किसी भी समय, आप पित्ताशय की थैली और लिवर से हरे रंग के तरल पदार्थ को बहुत सारे हरे कीचड़ के साथ निकलता हुआ देखेंगे। यह काई की तरह या फिर रेत या दाल, मटर के आकार की पथरी या उस से बड़ी भी हो सकती हैं। ये गहरे/हल्के/चमकीले हरे/भूरे, सफ़ेद या काली रंग की पथरियाँ भी हो सकती हैं।
11 बजे आप फलों के सेवन के बाद जूस पी सकते हैं। दिन में २-३ नारियल पानी पी सकते हैं। अगर कमजोरी लगे तो इलेक्ट्ट्राल भी घोलकर पी सकते हैं। दोपहर के भोजन में खिचड़ी का प्रयोग करें और 1 - 2 दिन तक हल्का खाना खाएँ जैसे फ्रूट, दाल, सब्ज़ी, चावल, चपाती, दलिया, खिचड़ी। लीवर को आराम देने के लिए कम से कम एक दिन हल्के भोजन का सेवन जरूर करना चाहिए। उसके बाद आपकी दिनचर्या एवम् खानपान ऐसा होना चाहिए कि पथरियाँ बिलकुल ना बनें।
आप यह प्रक्रिया १५ दिन के अंतराल के बाद दोबारा दोहरा सकते हैं या फिर महीने में एक बार ज़रूर करते रहें, जब तक लिवर साफ़ ना होजाए।
पथरी सम्बंधित आपके सवालों के जवाब
क्या आप इसे घर पर कर सकते हैं?
सारे लोग इसे घर पर ही करते हैं। यह बहुत ही आसान है। इसे 10 साल से ऊपर के बच्चे भी आधी डोज के साथ कर सकते हैं। इसको करते वक्त या पथरी निकलते वक्त कोई दर्द नही होता और ना ही पथरी कहीं फसेगी। निश्चिंत होकर घर पर ही करिए। मैग्नीशियम पूरे रास्ते को ढीला एवम चौड़ा कर देता है और तेल चिकनाई देता है तो पथरी मक्खन की तरह फिसलकर बाहर निकल जाती है और पता भी नही चलता। यह इतना आसान है। इस प्रक्रिया के दौरान पथरी का दर्द होना या पठारी का फँसना असम्भव है।
लीवर क्लीन करने के एक दिन पहले
हल्का खाना खाएं जैसे फ्रूट, फ्रूटजूस एवम सलाद और खिचड़ी इत्यादि। ।तेल का इस्तेमाल ना करें। जितना हल्का भोजन करेंगे उतना ही लाभ होगा।
लीवर क्लीन करने वाले दिन
नाश्ते में कोई भी फल या फल का जूस ले सकते हैं। लंच में उबले हुए बासमती चावल के साथ उबली हुई सब्जी या सब्जी का सूप बिना तेल के लिया जा सकता है। नमक का इस्तेमाल कर सकते हैं। मिर्च मसाला नही खाना। पानी जब चाहें जितना मर्जी पी सकते हैं। इसके अलावा कुछ और नहीं खाना है। तेल की एक बूंद भी नही लेनी। दोपहर खाना खाने के बाद अगले दिन तक कुछ नहीं खाना। ना चाय ना भोजन ना कुछ और। फ्रूट भी नही खा सकते। सिर्फ पानी पी सकते हैं। पानी आप प्यास अनुसार जितना मर्जी जब चाहे पी सकते हैं क्लींज करते वक्त। पानी पीने पर कोई पाबंदी नहीं है।
शाम 6 बजे से जैसा बताया गया है कीजिए। जब भी प्यास लगे आप पानी पी सकते हैं। अगर आपको एप्सॉम सॉल्ट ज्यादा कड़वा लगे तो आप एप्सॉम सॉल्ट पीने के बाद आप आधी कटोरी जूस पी सकते हैं। एप्सम सॉल्ट को पानी में घोलने के लिए आप किसी भी बर्तन का इस्तेमाल कर सकते हैं, प्लास्टिक, स्टील या काँच।
अगर रात में 2 डोज एप्सम सॉल्ट की लेने के डेढ़ घंटे बाद भी दस्त ना लगें तो आप एक और डोज एप्सम सॉल्ट की ले सकते हैं। अगर उसके बाद भी दस्त ना हों तो आप जैतून का तेल और जूस पी लें और आगे की प्रक्रिया को पूरा करें। उल्टी, दस्त और कमजोरी से परेशान ना हों और जो शुरू किया है उसे पूरा करें। रिजल्ट मिलेगा। अगर उल्टी होजाय तो भी बाकी का डोज लेना चाहिए और प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए। रात को आप अच्छी तरह सुनिश्चित करने के बाद कि आपको अब ना टॉयलेट जाना है ना और पानी पीना है, आप जूस और तेल पीकर लेट जाइए क्योंकि इसके बाद उठना नही चाहिए जब तक कोई मजबूरी ना हो, जैसे उल्टी या दस्त.....कम से कम 2 घंटे तक।
क्लींज खतम होने पर
एक घण्टे बाद नाश्ते में फ्रूट या जूस लीजिए। दोपहर में खिचड़ी खा सकते है। शाम तक २ नारियल पानी जरूर पीएं। अगर नारियल पानी उपलब्ध ना हो तो जूस या पानी भी पी सकते हैं। अगर बहुत ज्यादा पानी निकला है या लूज मोशन ज्यादा होजाए तो इलेक्ट्राल पी सकते हैं जो दवाई की दुकान पर मिलेगा। अगले २५ घंटे हल्का खाना ही खाएं, कम तेल या बिना तेलवाला। पका हुआ खाना खाने में जल्दबाजी ना करें। इससे लूज मोशन/दस्त या कब्ज हो सकती है। बिलकुल हल्का खाए और पानी पीएं। अगर किसी भी तरह की कोई परेशानी हो तो 1 – 2 दिन पका हुआ खाना नहीं खाना चाहिए। बस सादा पानी, नारियल पानी या जूस पीजिये। खिचड़ी का सेवन कर सकते हैं।यह इसलिए भी करना चाहिए क्योंकि प्रक्रिया के दौरान लिवर का बाइल पूरी तरह से समाप्त हो जाता है और उसे दोबारा बनने में 1 - 2 दिन लग जाते हैं।
लीवर क्लीन करने के तुरंत बाद शरीर में पानी की कमी के कारण कामजोरी महसूस हो सकती है। इस के लिए नारियल पानी और एलेक्ट्रल पी सकते हैं। एप्पल साइडर विनेगर में शहद मिला कर भी पी सकते हैं। आपको तुरंत ऊर्जा मिलेगी।
दस्त अपने आप रुक जाएंगे। कोई दवाई लेने की जरूरत नहीं है। अगर आपने भारी खाना खाने में जल्दबाजी कर दी तो हो सकता है लूज मोशन, दस्त रुकने में समय लगे। यह बीमारी वाले दस्त नहीं हैं। शरीर की गंदगी निकलने के लिए दस्त लगना अत्यंत आवश्यक हैं अन्यथा सफाई नहीं होगी।
यह प्रक्रिया हर १५ से २० दिन बाद दोबारा दोहराते रहें जब तक लिवर साफ ना होजाये। पित्त की थैली खाली होते ही लिवर से कचरा आकर दोबारा जमा हो जाता है क्योंकि समस्या लीवर की है। लीवर पूरी तरह खाली होने में १० से १५ बार करना पड सकता है। अगर आप मजबूरन इस प्रक्रिया को जल्दी जल्दी करना चाहते हैं तो आप 7 से 10 दिन के अंतराल में भी कर सकते हैं।
क्योंकि लिवर पथरियों से भरा होता है, उसमे से और पथरीयां और कचरा निकलकर दोबारा पित्त की थैली में इकट्ठा हो जाता है। अगर गलती से दोबारा अल्ट्रासाउंड करवाया तो पथरी नजर आएगी। लगातार हर पंद्रह से बीस दिन बाद लिवर क्लीन करना होता है जब तक लीवर साफ ना होजाए। उसके बाद अल्ट्रासाउंड करवाएं या ना करवाएं कोई फर्क नही पड़ता क्योंकि आपका शरीर और सेहत आपका सबसे बड़ा टेस्ट होगा। इस प्रक्रिया के दौरान पथरी का अटकना असंभव है।
समस्या लिवर की है इसकी सजा गाल ब्लैडर को ना दें। गाल ब्लैडर का ऑपरेशन करवाने के बाद भी लिवर की समस्या बनी रहेगी।
यह प्रक्रिया करने के बाद पथरी का साइज छोटा भी हो सकता है या बड़ा भी हो सकता है। यह तब तक होता रहेगा जब तक लीवर साफ नहीं हो जाता। जब लिवर साफ हो जाएगा तो गाल ब्लैडर भी अपने आप साफ होजाएगा। इसके लिए हो सकता है आपको यह प्रक्रिया 10 से 15 बार करनी पड़े। 20, 30, 40 साल का जमा हुआ कचरा निकलने के लिए समय लग सकता है।
मेडिकल साइंस के हिसाब से लीवर और गाल ब्लैडर से कुछ भी निकालना असंभव है। अगर आप उसमे से एक चावल के दाने जैसा, काई जैसा, या हरे कीचड़ जैसा कुछ निकाल पाते हैं तो यह चमत्कार से कम नही है। हर बार लीवर क्लीन करने के बाद आपकी सेहत बेहतर होगी, पाचन शक्ति बड़ेगी, शरीर ऊर्जावान होगा, और आपको अच्छा महसूस होगा। यही असली टेस्ट है।
क्या क्लींज़ के दौरान चाय पी सकते हैं या भूख लगे तो कुछ खा सकते हैं?
बिल्कुल भी नहीं। जैसे बताया गया है वैसा ही कीजिये।
क्या जूस और ऑलिव ऑयल पीने से एसिडिटी की समस्या बढ़ जाएगी?
एसिडिटी का मुख्य कारण गलत खान पान जैसे चाय, तले हुए पदार्थ, एवम दवाइयों का सेवन है। एसिडिटी के लिए किसी अच्छे प्राकृतिक चिकित्सक से इलाज करवाएं। जहां तक पथरी के लिए लीवर क्लींस करने का प्रशन है, यह प्रक्रिया बिना जूस और ऑलिव ऑयल के संभव नही है। एसिडिटी का एक मुख्य कारण लिवर एवम गाल ब्लैडर में कचरा है। इसको करने से एसिडिटी की परेशानी से राहत मिल सकती है। अगर आपको एसिडिटी के कारण जूस और ऑयल पीने में डर लगता है तो पहले एसिडिटी का इलाज करवा लें।
क्या लिवर में पथरियाँ होती हैं?
जी हाँ। लिवर की पथरियों को मेडिकल भाषा में हेपाटोलिथियसिस (Hepatolithiasis) या इंट्राहेपैटिक स्टोनस (intrahepatic stones) कहते हैं।
लिवर क्लींज कितने दिन बाद दोबारा करना है और कब तक करते रहना है?
लिवर क्लींस 16 घंटे की प्रक्रिया है. आप इसे 15 से 20 दिन के अंतराल के बाद दोबारा कर सकते हैं। अगर चाहें तो दस दिन बाद फिर से कर सकते हैं। इसे तब तक करना है जब तक लीवर पूरी तरह साफ ना हो जाए। लिवर एक फ़िल्टर है जो निरंतर ग़लत ख़ान पान की यातनाएँ झेलता है और गंदगी से भर जाता है। बचपन से लेकर अब तक का, बरसों का कचरा साफ़ होने में समय लग सकता है, धीरज रखें। आपको लिवर को पूरी तरह साफ़ करने में आपको यह प्रक्रिया १५ से २० बार तक भी करनी पड़ सकती है लेकिन यह बात निश्चित है कि पहली बार लिवर क्लीनज करते ही आपकी सेहत में सुधार होने लगेगा। आपकी प्राथमिकता सेहत ठीक करने की होनी चाइए, टेस्ट रिपोर्ट ठीक करने की नहीं। सारी दुनिया कागज के पनों (टेस्ट रिपोर्ट) को सेहत समझकर उनको ठीक करने में जुटी है। दवाई खाते खाते टेस्ट रिपोर्ट ठीक होती जाती है और शरीर की दिक़्क़तें पहले से ज़ायदा बढ़ जाती हैं जिसको ठीक करने के लिए और दवाइयाँ लेनी पड़ती हैं। यह कैसा इलाज हुआ ?
क्या लिवर क्लीनज करने से एक बार में ही गाल ब्लैडर की पथरी निकल जाएगी?
जब आप लिवर क्लीनज करते हैं तो गाल ब्लैडर की पथरी बिखरकर या साबुत निकल जाती है, पहली बार में ही। काई की तरह, रेत के दाने, मटर जैसे दाने या उससे बड़े, हल्के या गहरे हरे रंग के, भूरे या काले रंग के स्टोन, हरे रंग का कीचड़, आपको स्टूल में नज़र आएगा। कुछ लोग छलनी लगाकर इसे इकट्ठा भी कर लेते हैं। अगर अपनी आँखों से देखकर भी आपको विश्वास नहीं होता (प्रत्यक्ष को प्रमाण क्या वाली कहावत याद कीजिए ), तो आप इसका लैब में टेस्ट भी करवा सकते हैं। ऐसा संभव है कि अगर आप क्लीनज के तुरंत बाद अल्ट्रासाउंड करवाएँगे तो उसमे पथरी नज़र आएगी। तुरंत अल्ट्रासाउंड करवाने पर, जो पथरियाँ अभी निकल रही हैं वह भी नज़र आ सकती हैं जिसको देखकर डॉक्टर आपको चिंता में डाल सकते हैं। ध्यान रहे कि हमारी छोटी बड़ी आँत लगभग ३० फीट की है और पथरी को लंबा रास्ता तैय करना होता है। इसीलिए कुछ लोगों में दूसरे/तीसरे दिन भी पथरी निकलती हैं।
जैसा कि वीडियो में बताया गया है समस्या लिवर की है गाल ब्लैडर की नहीं। क्योंकि गाल ब्लैडर में अब जगह ख़ाली हो गई है, लिवर में जो किलो से भी ज़्यादा गंदगी जमा है वह तुरंत बाइल के साथ खिसककर गाल ब्लैडर में आ जाती है। ऐसा तब तक होता रहेगा जब तक लिवर साफ़ पूरी तरह से साफ़ नहीं हो जाता।
कैसे पता लगेगा कि लिवर साफ होगया है ?
जब दो बार लगातार सफ़ाई करने पर स्टूल में कुछ ना निकले तो समझ लेना लीवर साफ होगया। साथ साथ अपने शरीर से नाता जोड़िए। वह हर बार क्लीनज करने के बाद आपसे बात करेगा और आपको अपना हाल बताएगा। जिस शरीर के साथ आप 24 घंटे रहते हैं, टेस्ट रिपोर्ट से ज़्यादा उसकी बात सुनिए और समझिए।
क्या पित्त की थैली की पथरी सड़क के पत्थर की तरह कठोर होती है?
बिलकुल भी नहीं। दरअसल, यह पथरियाँ कोलेसट्रोल, चिकनाहट, बाइल, बैक्टीरीआ, पैरासाइट, मोल्ड, दवाई के कण, बलगम जैसा पदार्थ इत्यादि से बनी होती हैं। यह गूँधे हुए आटे की तरह मुलायम होती हैं और दबाने पर पिचक जाती हैं। कई बार रेत के जैसे कुछ कण इकट्ठा होने के कारण भी पथरी जैसे नज़र आते हैं। यह या तो इकट्ठा निकलेंगे या टूटकर, पर निकलेंगे ज़रूर।
क्या इस प्रक्रिया को करते वक्त या करने के बाद कोई दर्द हो सकता है?
शुद्द तेल का इस्तेमाल करें। एक्स्ट्रा वर्जिन कोल्ड प्रेस ऑलिव ऑयल जांच परख कर अच्छी कंपनी का लें अन्यथा क्लीन करने के बाद गला खराब, एसिडिटी या दर्द भी हो सकता है। मिलावटी तेल की बहुत बड़ी समस्या है इससे बचें। इसके अलावा तेल वाला या भारी खाना जैसे दूध, पनीर, कढ़ी,काली दाल, राजमा, पकोडे, बाज़ार का बना हुआ इत्यादि खाने में अगर जल्दी करेंगे तो दर्द होने की सम्भावना बनी रहती है।
इस प्रक्रिया के दौरान दर्द होना या पथरी का अटकना असम्भव है, मगर शर्त यह है कि जैसे बताया गया है उसको अच्छी तरह से पढ़ें, समझें और उसका पूरी तरह से पालन करें। बिना समझे प्रक्रिया बिलकुल ना करें।
दरसल इस प्रक्रिया के दौरान लिवर का पूरा बाइल इस्तेमाल हो जाता है, और इसको दोबारा बनने में २ दिन का समय लग सकता है। यह बाइल ही है जो भारी/तेल वाला खाना पचाता है। कुछ लोगों के पथरियाँ 2-3 दिन तक निकलती रहती हैं। ऐसे में जब आप नोर्मल खाना खाते हैं तो शरीर पथरी को निकालने का काम छोड़कर खाना पचाने में लग जाता है। भारी खाना खाने पर जब दर्द होता है और आप अल्ट्रसाउंड करवाते हैं तो निकलती हुई या निकली हुई पथरियाँ बाइल डक्ट में या आँत में नज़र आएँगी। क्योंकि अब शरीर को आपने खाना पचाने में व्यस्त कर दिया, तो यह पथरीयाँ पड़े पड़े रुकावट पैदा कर सकती हैं और आपको इसके कारण पीलिये जैसी शिकायत भी हो सकती है।
इसीलिए आपको बार बार बताया जाता है कि प्रक्रिया खतम होने पर 1 - 2 दिन तक हल्का खाना जैसे फ़्रूट, जूस, खिचड़ी इत्यादि का सेवन करें। अगर किसी तरह का दर्द या पीलिये की शिकायत हो जाए तो आप पका हुआ खाना तुरंत छोड़ दें। इस दौरान आप मूली का जूस, दही के ऊपर का मैला पानी, बेल का शर्बत, सेब के सिरके में शहद मिलाकर, गंने का जूस इत्यादि पी सकतें हैं। दर्द होना बंद होजाएगा और अगर पीलिये की शिकायत है तो वह भी ठीक होगी बस कुछ दिनों के लिए पका हुआ खाना छोड़ दीजिए। एनिमा करने से भी लाभ होगा।
क्या लिवर क्लेंज़ करने के बाद पेट में दर्द होने की सम्भावना है ?
लिवर क्लेंज़ की प्रक्रिया करने के बाद कुछ लोगों को निम्नलिखित कारणों से दर्द / गैस/ असिडिटी हो सकती है
1. अगर तेल रीपैक किया हुआ है एवम् एक्स्ट्रा वर्जन नहीं है।
2. क्लेंज़ खतम होने के तुरंत बाद खाने पीने में लापरवाही, चाए, भारी खाना, तला हुआ, तड़के वाला, बाज़ार का, नान वेज, दूध वाली चीज़ इत्यादि का सेवन।
3. पहले से ही पेट की कोई समस्या जिसका पथरी से कोई सम्बन्ध नहीं होना। पेट की सूजन, आईबीएस, अल्सर, हर्निया।
4. कबज का होना और क्लेंज़िंग वाले दिन दस्त ना लगना ( क्योंकि मैग्नीज़ीयम सॉल्ट उचित मात्रा में नहीं लिया)
क्या लिवर क्लेंस करने से पाइल्स की समस्या हो सकती है ? क्या पाइल्स के पेशिएंट्स को इसे करना चाहिए?
लिवर क्लीनज के दौरान जो कचरा निकलता है वह एसिडिक होता है। जिन लोगों को मलद्वार में जलन या दर्द की समस्या है वह थोड़ी परेशानी महसूस कर सकते हैं और उन्हें मलद्वार में जलन हो सकती है। अगर वह एलोवैरा या अरंडी का तेल मलद्वार पर लगाएँगे तो आराम मिलेगा। ऐसे लोगों को लिवर क्लीनज करने के बाद दो दिन तक बिलकुल हल्का खाना लेना है। ध्यान रहे कि लिवर क्लीनज से पाइल्स की समस्या से भी छूटकारा पाया जा सकता है अगर आप अपना खानपान ठीक कर लें तो।
क्या लिवर क्लीन करने से बड़े साइज की पथरी भी निकल जाती है? क्या पथरी अटक सकती है।
किसी भी साइज की पथरी चाहे वो 10 एमएम (mm) की हो या 20, 30 या 50 एमएम (mm) की, एक हो या खूब सारी हों, निकल जाती है टूटकर या फिर साबुत। क्योंकि मैग्नीज़ीयम शरीर की नलियों को ढीला और लचकीला कर देता है और ऑलिव ओईल चिकनाहट देता है, पथरी का फँसना असम्भव है। पूर्ण सफ़ाई हेतू आपको क्लीनज लगातार करना होगा, जैसे ऊपर बताया गया है।
कुछ लोगों ने टिप्पणी की है कि लीवर क्लीन करने के बाद उन्हें दर्द हुआ और उन्हें अस्पताल जाना पड़ा
हम बार बार ये बात दोहराते हैं की सफाई ख़तम होने के बाद एक 2 दिन हल्का खाना खाएँ, क्योंकि लीवर को आराम की ज़रूरत है। कुछ लोगों के 2 -3 दिन तक पथरियां निकलती हैं क्योंकि हमारी छोटी और बड़ी आँत की लंबाई लगभग 30 फुट है। क्योंकि लीवर का तरल पदार्थ पूरी तरह से ख़तम हो जाता है, सम्भव है कि आप भारी खाना नहीं पचा पाएंगे। इसलिए आपको सलाह दी जाती है कि आप एक दो दिन खिचड़ी या फल आदि, खाएं। यह प्रक्रिया करते वक़्त पथरी का फ़सना या अटकना असंभव है।
क्या ऑलिव ऑयल पीने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ेगा या कोई और समस्या हो सकती है?
ऐसा संभव नहीं है। यह इस तेल की ख़ासियत है। जब आप किसी शादी में जाते हैं और रिफाइंड या किसी सस्ते और घटिया तेल से बना खाना खाते हैं, तो आपके शरीर में 200 ml से भी ज्यादा सड़ा हुआ रिफाइंड तेल चला जाता है। कोई इस खतरनाक तेल बारे में नहीं सोचता। इसके बनिस्पत ऑलिव ऑयल बहुत ही गुणकारी है। जितना भी आप ऑलिव ऑयल पीते हैं वो अपना काम करने के बाद शरीर में नही रहता और इस प्रक्रिया के दौरान बाहर निकल जाता है। इसका ना कोई साइड इफेक्ट है और ना कोई नुकसान। फायदा ही फायदा।
क्या आप किसी भी जैतून के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं
नहीं। बाजार में जो ज़्यादातर जैतून का तेल मिलता है वह रिफाइंड होता है और इस क्रिया के लिए उपयुक्त नहीं है। आपको सिर्फ कोल्ड प्रेस्ड एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल लेना है जो सलाद में डालकर कच्चा खाया जाता है। पोमेस ऑयल नहीं लिखा होना चाहिए। अगर कांच की बोतल में मिले तो ज्यादा अच्छा है। सस्ता वाला जैतून का तेल घटिया क्वालिटी का होता है।
क्या एप्सम सॉल्ट की मात्रा कम या ज़्यादा की जा सकती है?
एप्सम सॉल्ट के डोस की मात्रा 20 ग्राम है। यह मात्रा हर व्यक्ति के लिए उचित है। 10 साल से लेकर 16 साल तक के बच्चे अगर उनका वजन 40 किलो से कम है तो वह 10 या 15 ग्राम की खुराक ले सकते हैं । इसके अलावा हर इंसान लिवर क्लेंज़ करते वक्त 20 ग्राम या फिर उससे भी ज़्यादा का इस्तेमाल कर सकते हैं। ।अगर दस्त ना लगे तो एप्सम सॉल्ट की एक और डोस भी ले सकते हैं। इसका कोई नुक़सान नहीं है।अगर आपका वजन १०० किलो से ज्यादा है तो आप ३० ग्राम तक की डोस ले सकते हैं।
किन लोगों को यह प्रक्रिया नहीं करनी चाहिए ? क्या बीपी, थायराइड, शुगर, अस्थमा, एसिडिटी, कबज, आर्थराइटिस,हार्ट पेशेंट, हाई कोलेस्ट्रॉल,किडनी स्टोन, सर्वाइकल, सिस्ट, फाइब्रॉयड, सोराइसिस, डैंड्रफ, एलर्जी इत्यादि के मरीज इसे कर सकते हैं?
निम्नलिखित लोगों को छोड़कर कोई भी इंसान जो इस प्रक्रिया को करने की शारीरिक क्षमता रखता है और सामान्य भोजन करता है, उसे यह प्रक्रिया जरूर करनी चाहिए।
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जिनके गाल ब्लैडर में स्टेंट डला है।
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कीमोथेरेपी के पेशेंट, लिवर कैन्सर, लिवर ट्यूमर, लिवर ट्रांस्प्लांट या अगर पीलिया हुआ है।
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बहुत कमजोरी है या बीपी के कारण घबराहट या चक्कर आते हैं।
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यदि पिछले कुछ महीनों के दौरान आपका कोई बड़ा ऑपरेशन हुआ है और घाव ठीक नहीं हुए हैं।
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अगर एसाइट्स की समस्या है और शरीर में पानी भरता है।
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पेट में बड़े अल्सर है, खूनी दस्त आते हैं, चल फिर नही सकते, बिस्तर पर हैं या किसी लाइलाज बीमारी के कारण शरीर शिथिल होगया है और शरीर में जान नही है वो इसे बिलकुल ना करें।
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इस प्रक्रिया के दौरान दस्त लगेंगे और कई बार आपको टॉयलेट जाना पड़ेगा। इसके बिना यह संभव नहीं है। अगर आपमें ऐसा करने की शारीरिक क्षमता नहीं है तो इसे बिलकुल मत कीजिये।
क्या लिवर क्लीन करने से बाईपास सर्जरी से बचा जा सकता है? क्या अगर आप के हार्ट में स्टेंट डाला है आप लिवर क्लीन कर सकते हैं?
दिल के मरीजों को लीवर की सफाई करने से बहुत लाभ होगा। इससे खून साफ और पतला होता है, ब्लॉकेज क्लियर होती है और सर्जरी से बचा जा सकता है। जिन लोगों के हार्ट में स्टेंट डला है वह भी इसे कर सकते हैं। हार्ट पेशंट इस प्रक्रिया को करने से पहले यह सुनिस्चित कर लें कि उनका हार्ट फ़ंक्शन ( इजेक्शन फ़्रैक्शन) ४५ प्रतिशत से ज़्यादा है और शरीर में ( पाँव या फेफड़ों) में सूजन या पानी भरने कि शिकायत नहीं होनी चाहिया एवम् शारीरिक रूप से ऐक्टिव एवम् स्वस्थ हैं।
क्या वह लोग जिनका पित्त की थैली का ऑपरेशन हो चुका है इस प्रक्रिया को कर सकते हैं?
जी हाँ। जैसा कि हम बार बार दोहराते हैं कि समस्या लिवर की है, गॉल ब्लैडर की नहीं। वह लोग जिनका गोल ब्लैडर का ऑपरेशन हो चुका है, अगर वह इस प्रक्रिया को अपनाते हैं तो वह लिवर से जो कचरा और पथरियाँ निकलेंगी, उसे देख कर दंग रह जायेंगे। सैकड़ों लोग हमें मैसेज द्वारा बताते हैं कि बरसों पहले डॉक्टर के कहने पर पित्त की थैली का ओपरेशन करवा लिया था, लेकिन अब उनके लिवर में पथरियाँ पायी गयी हैं। वह यह भी कहते हैं कि भारी खाना नहीं पचा पाते और जोड़ों में दर्द की समस्या शुरू हो गयी है। ऐसा विटामिन A, D, E, K और ओमेग़ा ३,६ की कमी के कारण होता है जो हमें घी/ तेल इत्यादि से ही मिलता है ( जिसे वह पचा नहीं पाते, ऑपरेशन के कारण )
अगर पित्त की थैली सिकुड़ गयी है, पिचक या चिपक गयी है या उसमे इन्फ़ेक्शन होगया है या पथरी गाल ब्लैडर के गले (neck)/ में अटक गयी है, ऐसा आपको बताया गया है?
उपरोक्त किसी भी समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप लिवर क्लेंज़ आश्वस्त होकर कर सकते हैं। बहुत लाभ होगा।
लिवर में सूजन, लिवर में चर्बी इकट्ठा होना, लिवर या पित्त की थैली में स्लज, लिवर का कड़क होना, लिवर में गाँठ, सिस्ट, पोलिप्स, लिवर का साइज़ बढ़ जाना
इन सारी समस्याओं में लिवर क्लीन करने से चमत्कारी लाभ होगा। साथ में आकों भोजन में परिवर्तन करना अनिवार्य है नहीं तो समय बनी रहेगी।
निम्नलिखित हेपटाइटिस, लिवर सीरोसिस / कैन्सर से पीड़ित लोगों को लिवर क्लेंज़ नहीं करना चाहिए।
1. जो लिवर संभधित किसी गम्भीर बीमारी से काफ़ी समय से जूझ रहे हैं जिसके कारण आपका शरीर बहुत कमजोर हो गया है और आप नोर्मल खाना नहीं खा/ पचा पाते ।
2. अगर आप लिवर ट्रान्स्प्लैंट के पेशंट हैं ।
3. पीलिये से ग्रस्त हैं ।
4. अगर आपके पेट में पानी भरता है ।
5. अगर आप किड्नी पूरी तरह से काम नहीं कर रही ।
6. अगर आपका दिल के मरीज़ हैं और आपका हार्ट फ़ंक्शन 45% से कम है
7. कोई भी ऐसी गम्भीर बीमारी, सर्जरी जिसमें आप दवाइयों का लगातार सेवन करते हैं जिसके कारण आपमें शारीरिक शमता नहीं है ।
इन सबके बावजूद फिर भी अगर आप लिवर क्लेंज़ करने के उत्सुक हैं तो आपको एक्स्पर्ट्स की सलाह / निगरानी में लिवर क्लेंज़ करना चाहिए।
इसके लिए आप डॉक्टर पीयूष सक्सेना की टीम से सम्पर्क कर सकते हैं । उनकी टीम लगातार कैम्प लगाती है। टीम के सदस्यों के नाम एवम् टेलेफ़ोन नम्बर ऊपर दिए हुए हैं ।
क्या छोटे बच्चे इसे कर सकते हैं?
10 से 16 साल के बच्चे आधी डोज एप्सॉम साल्ट, आधी डोज जूस और तेल के साथ क्लींजिंग कर सकते हैं। 10 साल से कम उम्र के बच्चों के बारे में हमारा अनुभव नहीं है। उनके लिए हमारी सलाह है कि अगर बच्चा ज्यादा छोटा है तो उसे भारी खाना, नॉन वेज एवम जंक फूड इत्यादी ना दे। जब वो बड़ा हो जाए तब उसे लीवर क्लीन करवा सकते हैं। बजूर्ग चाहे किसी भी उम्र के हों यह प्रक्रिया कर सकते हैं बहुत लाभ होगा।
क्या प्रेगनेंट महिलाएं इसे कर सकती हैं?
प्रेगनेंसी के दौरान यह प्रक्रिया अपना सकते हैं। ध्यान रहे कि प्रेग्नेंसी के सातवें महीने के बाद और बच्चे की डिलीवरी होने के तीन महीने तक इसे मत कीजिए। इसके अलावा किसी भी महीने में किया जा सकता है। जो मां शिशु को दूध पिलाती है वो भी डिलीवरी के तीन महीने बाद इसे कर सकती है एवम क्लींजिंग के दौरान बच्चे को दूध पिला सकती है। इसका कोई नुक़सान नहीं है। यदि आपका पहले कभी सिजेरियन ऑपरेशन हुआ हो तो भी आप क्लींजिंग कर सकते हैं।
क्या महिलाएं अपने मासिक धर्म के दौरान लीवर क्लींजिंग कर सकती हैं?
उन्हें यह प्रक्रिया मासिक धर्म खत्म होने के बाद ही करनी चाहिए।
क्या लिवर सिरोसिस या हेपेटाइटिस बी / सी के पेशेंट इस प्रक्रिया को कर सकते हैं?
लीवर सिरोसिस और हेपेटाइटिस बी/सी के पेशेंट जिनकी सिर्फ टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, अगर वह ऊर्जावान महसूस करते हैं, तो वह अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार इस प्रक्रिया को कर सकते हैं। लिवर सरोसिस और हेपटाइटिस के वह पेशेंट जो नॉर्मल खाना खाते हैं, जिनको पीलिया नही हुआ, शरीर में स्फूर्ती है, अपनी दिनचर्या के कार्य आसानी से कर पाते हैं, कमजोरी महसूस नहीं करते, वह इस प्रक्रिया को आसानी से कर सकते हैं। बीमारी से छुटकारा पाने में बहुत लाभ होगा।
बीपी के बारे में ज़रूरी जानकारी
हमारे को यह बताया गया है कि हर इंसान, (10 साल का बच्चा या 90 साल का बजुर्ग) का बीपी 120/80 होना चाहिए अन्यथा आपको दवाई लेनी पड़ेगी। यह मापदंड ग़लत है। अगर आपको कोई शारीरिक परेशानी नहीं है, जैसे चक्कर आना, सिर भारी या सिरदर्द होना, थकावट या घबराहट महसूस होना, तो यह मुमकिन है कि जिसे आप लो बीपी या हाई बीपी समझ रहे हैं वह आपके शरीर के लिये नार्मल बीपी ही हो (चाहे वह 150/90 हो या फिर 90/60 रहता हो )। अगर आप अपनी दिनचर्या के कार्य आसानी से कर पाते हैं, नार्मल खाना खाते हैं, तो आप इसे आसानी से कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आप वास्तव में लो बीपी के पेशेंट हैं तो आपको सलाह दी जाती है कि आप एप्सम नमक थोड़ा कम लीजिए (१५ ग्राम ) हालाँकि आपको फ़ायदा भी कम होगा। अगर प्रक्रिया के दौरान लो बीपी की शिकायत हो तो थोड़ा जूस पी लें, तूरान आराम मिलेगा। हाई बीपी वालों को सिर्फ उस दिन अपनी बीपी की गोली नहीं खानी है क्योंकि एप्सम साल्ट भी दवा का काम करेगा।
क्या इसको करते वक्त डिहाइड्रेशन, दस्त या उल्टी हो सकती है?
क्लेंज़िंग करने के बाद दस्त लगने के कारण आपके शरीर में पानी की कमी हो सकती है। यह प्राक्रिया इस के बिना संभव नहीं है। उल्टी भी हो सकती है पर ये घबराने वाली बात नहीं है। आपने जो शुरू किया है उसे पूरा कीजिये, लाभ होगा। दस्त अपने आप रुक जाएँगे। दस्त या उल्टी के लिए कोई दवा लेने की आवश्यकता नहीं है।
अगर आपको एप्सॉम सॉल्ट या ऑलिव ऑयल पीने से प्रक्रिया के दौरान उल्टी होती है।
अगर ऐसा है तो आप अगली बार जिस दिन यह प्रक्रिया शुरू करें उस दिन सुबह के वक्त घर पर एनिमा (बड़ी आंत की सफाई) जरूर करें। अगर आपको कब्ज रहती है तो भी आप प्रक्रिया शुरू करने से पहले भी एनिमा कर सकते हैं।
आज कल एक साल कि कम उमर के बच्चों में भी पथरी पाई जाती है
इसका सीधा संबंध मां के खान पान से है।
जिन लोगों को पथरी की समस्या नहीं है, क्या उन्हें लिवर की सफ़ाई करनी चाहिए ? क्या वह लोग जो अपने आप को स्वस्थ मानते हैं उन्हें यह प्रक्रिया करनी चाहिए।
अक्सर सभी लोग यह सोचते हैं कि उनका लिवर साफ है क्योंकि टेस्ट में कुछ नही आया। उन्हें बहुत बड़ी गलतफहमी है। जिसने भी जिंदगी में ज़्यादा पका हुआ खाना खाया है उसका लीवर पूरी तरह से साफ हो यह असंभव है। जब अपने आप को स्वस्थ मानने वाले लोग लिवर क्लीन करते हैं तो गंदगी निकलती देख कर दंग रह जाते हैं। स्वस्थ लोगों को भी हर महीने लीवर साफ करना चाहिए जब तक लीवर मे से कचरा निकलता जाए। पूरी तरह साफ होने के बाद साल में सिर्फ एक बार करना है।
यह क्लींज हर इंसान को करना चाहिए। बहुत लाभ होगा। लिवर एक फिल्टर है जो गलत खान पान के कारण भर जाता है। यह एक बड़ा कारण है बीमारियों का। अगर आपके पथरी नही है तब भी आप अपना लीवर साफ कीजिए ताकि आपका खून साफ रहे और कभी कोई बीमारी ना हो।
हम अपनी कार के फ़िल्टर हर ३ से ६ महीने में साफ़ कराते हैं, ऐसे ही हमें अपने फ़िल्टर (किडनी और लिवर) भी साफ़ करने चाहिए।
कैसे पता करें कि जो हरा, भूरा, कला, काई जैसा जो निकला है वह लीवर और पित्त की थैली से ही निकला है?
स्टूल हमेशा नीचे बैठ जाता है। क्योंकि जो निकलेगा उसमे कोलेस्ट्रॉल होता है, यह पानी में तैरता हुआ नजर आएगा टॉयलेट में। इसको छलनी लगाकर इकट्ठा करें और लैब में जांच करवा सकते हैं अगर किसी तरह की शंका को दूर करना चाहते हैं।
यू ट्यूब पर कुछ वीडियो में यह बताया जाता है कि पथरी नही निकल सकती। यह भी बताते हैं कि पथरी अटक सकती है। ऑपरेशन कराने के लिए मजबूर किया जाता है।
यू ट्यूब पर पथरी के बारे में वो लोग ज्ञान दे रहे हैं जिन्होंने कभी खुद लिवर की सफाई नहीं की। ऑपरेशन की कोई जरूरत नहीं है। बस लगातार हर १५ से २० दिन के अंतराल में लीवर एवम गाल ब्लैडर को साफ करते रहना है जब तक लीवर खाली ना होजाए। एक नया जीवन मिलेगा।
क्या इस प्रक्रिया से किडनी की पथरी भी निकल जाती है?
नहीं।
आपके लिए निम्नलिखित बातें जानना अत्यंत आवश्यक है
"डॉ साहब इतना एप्सम साल्ट एवम् ओलिव आयल पीने में बहुत डर्र लगता है"
इस प्रक्रिया में तीन चीज़ों का इस्तेमाल होता है।
1. जूस - कोई ऐसा इंसान नहीं होगा जिसने जूस ना पिया हो। शायद ही कोई इंसान होगा जिसे जूस पीने में कोई समस्या हो।
2. ओलिव आयल - यह तेल सदियों से विदेशों में कच्चा इस्तेमाल होता आ रहा है। यूरोप में इसको लोग सलाद के ऊपर डालकर खाते हैं। यह तेल कच्चा (बिना गर्म किया) भी पिया जाता है क्योंकि इसमें बहुत गुण हैं। ध्यान रहे कि यह तेल एक्स्ट्रा वर्जिन कोल्ड प्रेस्ड होना चाहिए। सस्ते वाले पॉमेस कुकिंग ओलिव आयल जो एक रिफाइंड आयल है का इस्तेमाल ना करें। ओलिव आयल के बारे में बहुत सारी भ्रांतियाँ हैं। जब हम किसी शादी या पार्टी में जाते हैं तो वहाँ खाने के स्टाल लगे होते हैं। हम घटिया रिफाइंड तेल में बने हुए नाना प्रकार के व्यंजन जैसे टिक्की, चाट, चिल्ला,भटूरे, छोले, हनी चिली पोटैटो, स्प्रिंग रोल, चाऊमीन, चाप, गुलाब जामुन, पेस्ट्री, हलवा, क़ुल्फ़ी,आइस क्रीम इत्यादि का भरपूर सेवन करते हैं। ऐसा करते हुए हम लगभग 300 मिली सड़ा हुआ घटिया तेल/घी का सेवन करने से पहले एक बार भी नहीं सोचते। लेकिन ओलिव आयल जो इतना गुणकारी है और इस प्रक्रिया के दौरान एक दवाई की तरह लिया जाता है, उसके इस्तेमाल से हमें डर्र लगता है।
3. एप्सम साल्ट/ मैग्नीशियम सल्फेट - एप्सम साल्ट एक प्राकृतिक नमक है जो समुद्र के पानी एवम् सूखे हुए तालाब की ज़मीन में पाया जाता है। इसमें मैग्नीशियम होता है। मैग्नीशियम हमारे शरीर में नैचुरली पाया जाता है और इसकी कमी दर्द और अकड़न का कारण बनती है। इसका उपयोग प्राचीन काल (सन 1600 ईस्वी) से ही बीमारियों के उपचार के लिए किया जाता रहा है। दर्द और सूजन में इसका प्रयोग होता रहा है। रानी, महारानियों इसको बाथ टब में डालकर नहाया करती थी। इससे शरीर लचकीला एवम् सुडौल बनता है। आज भी पूरे विश्व में यह कबज की दवाई के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसका कोई नुस्कान नहीं है पर अगर यह ज्यादा मात्र में लिया जाये तो इससे लूस मोशन/ दस्त लग जाते हैं। एप्सम साल्ट के इन्ही गुणों के कारण लिवर क्लीनज में इसका इस्तेमाल किया जाता है। यह जिस्म को ढीला एवम् नलियों को शिथिल और चौड़ा करने में बहुत प्रभावशाली है। यह गाल ब्लैडर के मुँह एवम् सीबीडी को ढीला और चौड़ा करने का काम करता है जिसके कारण पथरियाँ बिना रुकावट के बाहर निकल जाती हैं और महसूस भी नहीं होता। इसके इस्तेमाल के बिना पथरियाँ एवम् कचरा निकलना असंभव है।
इस प्रक्रिया को करना बहुत ही आसान है और आपको इसे अपने घर पर ही करना है। इसमें करीब 500 रुपए का खर्चा आता है।
आपसे आग्रह है कि आप सारी वीडियो ध्यानपूर्वक देखें। अगर समझ ना आए तो दोबारा देखें। बार बार देखें। आपको जो पढ़ने के लिए भेजा जा रहा है उसमे सारे सवालों के जवाब हैं। इसके अलावा हुमारे पास बताने के लिए ज़्यादा कुछ नहीं है।
यह प्रक्रिया करने के बाद पथरी का साइज छोटा भी हो सकता है या बड़ा भी हो सकता है। पित्ताशय की पथरी तो निकल जायेगी, बिखरकर या साबुत और आपको टॉयलेट में नजर भी आएगी, लेकिन जो लिवर में कचरा भरा हुआ है वो दोबारा फिर उसी जगह आकर जम जाएगा। यह तब तक होता रहेगा जब तक लीवर साफ नहीं हो जाता। जब लिवर साफ हो जाएगा तो पित्ताशय भी अपने आप साफ होजाएगा। इसके लिए हो सकता है आपको यह प्रक्रिया 10 से 15 बार करनी पड़े। 20, 30, 40 साल का जमा हुआ कचरा निकालने के लिए समय देना होगा।
हमारा काम आपको जानकारी देना है। आपकी यह जिम्मेदारी है कि आप अपनी पूरी तसल्ली करने के बाद ही इसको अपनाएं। अगर आपके मन में कोई शंका, डर या शक है तो आप इस प्रक्रिया को बिलकुल ना करें। आपकी सेहत आपकी जिम्मेदारी है किसी और की नहीं। अगर आपको लगता है कि गाल ब्लैडर का ऑपरेशन करवाना बेहतर है तो वो आपका निर्णय है।
यह प्रक्रिया एक दिन की है। कुछ लोग विभिन्न तरह के जूस जैसे आम, तरबूज, अनार एवम पपीता इत्यादि का जूस क्लींजिंग के लिये इस्तेमाल करना चाहते हैं। कुछ लोग क्लींसिंग के लिये घी, नारियल, सरसो, तिल का तेल इत्यादि के इस्तेमाल के बारे में अनावश्यक प्रशन पूछते हैं। आप यह सवाल पूछकर अपना और हमारा समय नष्ट ना करें। ऐसे सवाल वो लोग ज्यादा करते हैं जिनको खाने का कुछ ज्यादा ही शौक है या फिर प्रक्रिया एक नये अन्दाज़ से करना चाहते हैं। जो भी आपको प्रक्रिया के बारे में बताया गया है अपनी सोच वहीं तक सीमित रखिए क्योंकि इस बारे में आपको और किसी सवाल का जवाब देना हमारे लिए संभव नहीं होगा। जो आपको बताया गया है यह हजारों लोगों द्वारा अपनाया हुआ कामयाब फॉर्मूला है।
फिर भी अगर आप अपनी मर्जी से कोई नया प्रयोग, कोई दूसरा तेल या जूस इस्तेमाल करने के लिए उत्सुक हैं तो वह आप कीजिए और लोगों से उसके रिजल्ट शेयर कीजिए। हो सकता है आपको उसे करने में कुछ नई जानकारी मिले। हमारा जिस तेल और जूस के बारे में अनुभव है वह अपने आपको विस्तार में बता दिया है।
एक दिन के लिए जैसा आपको बताया गया है उसका पूरी तरह पालन करें। अगर एक दिन दवाई नहीं खायेंगे तो कुछ नुकसान नहीं होगा। अगर फिर भी आपको लगता है कि आप दवाई के बिना नहीं रह सकते तो खा लीजिए। पानी आप प्यास अनुसार जितना मर्जी पी सकते हैं क्लींज करते वक्त।
पथरी संबंधित हमारे पास जितनी भी जानकारी है, संपूर्ण जानकारी बहुत ही मेहनत से इकट्ठा करके आपको भेज दी गई है। आपके हर सवाल का जवाब आपको इसमें मिल जाएगा। इसके बावजूद भी कुछ लोग उसको पढ़ना नहीं चाहते और बिना समझे और जाने फोन पर वही सवाल पूछना चाहते हैं जिनका जवाब दिया जा चुका है। अगर आप बिना पढ़े जवाब पूछने के लिए तत्पर हैं तो हमारे से जवाब की उम्मीद ना करें।
अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हे मेरे से व्यतिगत तौर पर मिलकर किसी अन्य बीमारी जैसे एसिडिटि, गैस, कबज, पेट की समस्या, हार्ट सम्बन्धी बीमारी, डायबिटीज, बीपी, थाइरोइड, दर्द, सूजन, अकड़न, मोटापा इत्यादि से छुटकारा पाने के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के इच्छुक हैं, या फोन द्वारा परामर्श लेना चाहते हैं तो मेरी वेबसाइट के माध्यम से पेमेंट करके अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं। फ़ोन पर अपॉइंटमेंट् देना संभव नहीं है। मेरा क्लिनिक, द्वारका एक्सप्रेसवे, गुड़गांव में स्तिथ है। यह ध्यान रहे कि लीवर क्लीन करने के लिए आपको परामर्श लेने की बिलकुल भी जरूरत नहीं है क्योंकि प्रक्रिया सम्बंधित सारी जानकारी हमने आपको दे दी है।